अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच भारत राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चंद्र कुमार वालेचा वरिष्ठ अधिवक्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री शिव राज सिंह चौहान मप्र शाशन भोपाल को पत्र लिखकर अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम को वर्तमान संचालित विधानसभा सत्र शीतकालीन सत्र में ही पेश कर पूरे मप्र में लागू कराए जाने के संबंध में पत्राचार किया गया:-



भोपाल: ⚖️अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चंद्र कुमार वालेजा वरिष्ठ अधिवक्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान मप्र शाशन को पत्राचार द्वारा कि न्यायिक व्यवस्था का सबसे मजबूत स्तंभ आज देश की अनेक अदालतों में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है जैसा कि सर्वविदित है कि बिना किसी पक्षपात एवं द्वेष भावना से प्रेरित होकर सामान्य नागरिक को न्याय दिलाना एक अधिवक्ता की नैतिक एवं वैधानिक जिम्मेदारी है किंतु वही आज अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए चिंतित और भयभीत है देश की अनेकों अदालतों एवं न्यायालय के बाहर हमारे अधिवक्ता साथियों और उनके परिवार जनों पर आत्मघाती हमले बिना बिना किसी कारण के हो रहे हैं ,यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस कानून की रक्षा और उसके प्रति प्रतिबद्धता रखने वाले अधिवक्ता अपने पूरे सामर्थ्य के साथ न्यायालयों में विधि संगत रूप से न्याय हेतु पैरवी करते हैं आज उन्हीं अधिवक्ताओं की स्वयं सुरक्षा हेतु कोई भी विधि संगत अधिनियम या वर्तमान अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है, यह भी स्पष्ट किया जाना उचित होगा कि एडवोकेट एक्ट 1961 एक केंद्रीय अधिनियम है जिस की व्यापकता पूरे भारत में एक समान है
इस दिशा में अनेक राज्य सरकारों ने अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम मसौदा तैयार कर वैधानिक रूप देने की तैयारी भी कर ली है यहां तक कि भारतीय विधिक परिषद (बार काउंसिल ऑफ इंडिया )द्वारा भी अधिवक्ता कल्याण एवं सुरक्षा का मसौदा विधि मंत्रालय को उचित वैधानिक कार्यवाही हेतु तैयार कर सौंपा गया है
देश के सभी न्यायालयों में कार्यरत अधिवक्ता साथ ही जिस तरह एकजुट होकर भारतीय संविधान के प्रति अपना दायित्व रखते हैं उसी तरह अधिवक्ता कहीं भी व्यवसायरत हो उसकी सुरक्षा और कल्याण सभी जगह एक समान सुनिश्चित करना भी मप्र सरकार की जिम्मेदारी और दायित्व है
पत्र के माध्यम से अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच भारत द्वारा जानकारी दी के अधिवक्ताओ को प्रकरण में पैरवी न करने की चेतावनी देकर जान से मारने की धमकी दी जा रही दिनाँक 20/12/21 को छिंदवाड़ा, परासिया में कोर्ट की ड्रेस में पेट्रोल भराते समय जानलेवा हमला करते हुए दिन दहाड़े हत्या कर दी गयी अधिवक्ता अधिनियम के अंतर्गत अधिवक्ता को ऑफिसर ऑफ कोर्ट दर्जा दिया गया ,अधिवक्ता निर्धनों असहायों को निःशुल्क न्याय दिलाने में योगदान देता है, मंच संपूर्ण राष्ट्र के कर्तव्यनिष्ठ अधिवक्ताओं का प्रतिनिधित्व करते हुए मप्र शाशन से यह पुरजोर मांग करता है अधिवक्ता सुरक्षा एवं कल्याण हेतु अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू कराने हेतु सकारात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करने की कृपा करें तत्सम्भन्ध में अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच भारत देश के अधिवक्ताओं के कल्याण हेतु विनय आग्रह किया गया है और आशा के साथ पूर्ण विश्वास किया गया है कि अधिवक्ताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वर्तमान सत्र में ही एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने हेतु समुचित कार्यवाही करेंगे, पत्राचार में पूर्व में दिए गए ज्ञापनों एवं पत्राचार की जानकारी भी दी गयी,
जवाबी पत्र अपर सचिव विभाग द्वारा 04/02/21 को जिसमे यह जानकारी दी गयीं के एड़वोकेट प्रोटेक्शन एक्ट विचाराधीन है
पुनः 06/04/21 क्रमांक 1465-21 के माध्यम से एड़वोकेट प्रोटेक्शन एक्ट प्रक्रियाधीन की जानकारी होने की कार्यवाही की सूचना अपर सचिव विधि विभाग द्वारा पत्र से दी गयी
पुनः 19/05/21 को 1749/21 द्वारा प्रक्रियाधीन की जानकारी अपर सचिव विधि द्वारा दी गयी
इसी सकारात्मक कार्यवाही की उपेक्षा के प्राथमिकता के आधार पर शीतकालीन सत्र में ही अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम पारित कर लागू करने का निवेदन किया गया है , अधिवक्ता 2018 की सकल्पित घोषणा को आशावन्तित है,
अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू किये जाने वाला देश का पहला राज्य मप्र आपके नेतृत्व में गौरव प्राप्त करेगा

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