भोपाल अभियोजन की ओर से पैरवीकर्ता श्रीमती सुधाविजय सिंह भदौरिया ने बताया कि -भोपाल वनमंडल ने दि 3-4 फरवरी की दरम्यानी रात मुखबिर की सूचना पर दि 4/2/21 को सुबह 4 बजे सागर तरफ से आ रही एक काले रंग की स्कार्पियो गाड़ी को पकड़ने के लिये घेराबंदी की और उसका पीछा किया गाड़ी में फराज ,उमर सहित 4 लोग और बैठे थे गाड़ी में वन्यप्राणी काले हिरन , चीतल ,सांभर व नीलगाय का मांस , दो बंदूके रखी थी
वन अमले ने जब स्कार्पियो को रोकने की कोशिश की तो आरोपी गण शासकीय वाहन में लाठी-डंडो से वार करते हुये , वन अमले के ऊपर प्राणघातक हमला कर , फायर करने की धमकी देकर मौके से भाग निकले उसी दौरान आरोपियों के वाहन से लगभग 10 किलो वन्यप्राणी का मॉस गिर गया जिसे वन विभाग द्वारा मौके पर जप्त कर उसी दिन आरोपी फराज के घर से लगभग 80 किलो वन्य प्राणी का मॉस खाल लगा हुआ जप्त किया और फरार आरोपी फराज के भाई सिराज को मौके से गिरफ्तार कर उक्त अपराध के सम्बन्ध में वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972,भारतीय वन अधिनियम 1927और भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत अपराध उड़नदस्ता प्रभारी आर के चतुर्वेदी ने दर्ज किया
आरोपी अब्दुल जहीर घटना दिनांक से फरार था उसे उक्त अपराध में दि 5/7/21को वनविभाग द्वारा गिरफ्तार किया गया था और न्यायालय द्वारा उसे जेल भेज दिया गया था
आरोपी ने जमानत अर्जी सी जे एम न्यायालय भोपाल में पेश की जिसकी सुनवाई आज दि 9/7/21को न्यायाधीश श्री निशीथ खरे की अदालत में हुई
वन विभाग की ओर से वीडियो कांफ्रेंसिंग से पैरवी करते हुये अभियोजन अधिकारी श्रीमती सुधाविजय सिंह भदौरिया ने अपराध को गंभीर बताते हुये , अन्य दो आरोपियों की गिरफ्तारी ,वन्यजीव अवयव व शस्त्र की जप्ती होना शेष बताते हुये ,जप्तशुदा मॉस की वैज्ञानिक रिपोर्ट में कालेहिरन व नीलगाय के मॉस होने की पुष्टि होने आरोपी द्वारा अन्य के साथ मिलकर वन अमले पर प्राण घातक हमला घटना दिनाक को करने और बढ़ते हुये वन्यप्राणी अवैध शिकार के कारण पर्यावरण और समाज पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के आधार पर आरोपी अब्दुल जहीर की जमानत अर्जी निरस्त करने का न्यायालय से निवेदन किया
न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुये और अपराध की गम्भीरता को देखते हुये और इस तरह के अपराधो का पर्यावरण और समाज पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुये आरोपी अब्दुल जहीर की जमानत याचिका आज दिनांक 9/7/21 को खारिज कर दी।