आज प्रकरण क्रमांक A 4989/2020 में राज्य सूचना आयोग के मनमाने निर्णय के विरुद्ध अपीलार्थी अभिषेक जोशी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर में रिट याचिका दायर की गई थी जो प्रकरण क्रमांक 18338/2021 में दर्ज होकर आज सुनवाई पर आई जिसमे याचिकाकर्ता के अधिवक्ता #रोहित_जगवानी उपस्थित हुए । श्री जगवानी ने बताया कि पूर्व में भी माननीय उच्च न्यायालय के हस्त्यक्षेप पर ही अयोग द्वारा इस प्रकरण में सुनवाई की थी जिसमे कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट की कार्यवाही भी आयोग के विरुद्ध दर्ज है। फिर भी अपने मनमाने रवैए को बरकरार रखते हुए आयोग द्वारा अपीलार्थी द्वारा साक्ष्यों के रखने के बाद भी अपीलार्थी की याचिका को रद्द कर दिया गया है।
श्री जगवानी ने माननीय न्यायालय को बताया कि इनके हौसले इतने बुलंद है कि इनके द्वारा झूठा हलफनामा आयोग में दिया गया है। जिसमे इनके द्वारा लेख किया गया है कि\” पत्र प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा दिनांक 22.07.2021 से लेख किया गया है कि आवेदक के आवेदन के संदर्भ में पुलिस थाना करेरा द्वारा जानकारी दी जा चुकी है। जबकि धारातल पर ऐसा कोई पत्राचार प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा आयोग से किया ही नहीं गया हैं।
विचारणीय बिंदु यह है कि जब अपीलार्थी द्वारा उक्त पत्राचार की प्रतिलिपि आयोग से मांगी गई तो आयोग द्वारा आदेश पत्र की कॉपी भेजते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया। ऐसे में यह स्पष्ट होता है कि किस कदर आयोग झूठे साक्ष्य गढ़कर लोकसूचना अधिकारियों की मनमानी के ऊपर लीपा पोती करने में लगा हुआ है।
मामले में गहन नाराजगी जताते हुए माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर ने आयोग को नोटिस तलब फरमाया है।