राज्य सूचना आयोग के आदेश को भ्रष्टाचार के मामले में दी गई चुनौती ।

राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त ए .के. शुक्ला को इंदौर हाईकोर्ट का नोटिस राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त ए .के. शुक्ला को इंदौर हाईकोर्ट का नोटिस

इन्दौर । राज्य सूचना आयोग द्वारा भ्रष्टाचार के एक गंभीर मामले में 6 जुलाई 2021 को सुनवाई के एक प्रकरण में राज्य मुख्य सूचना आयुक्त ए.के. शुक्ला ने आदेश में उल्लेख किया था कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है जबकि उक्त मामला किसी भी न्यायलय में विचाराधीन ही नहीं था।
उक्त आदेश उपरांत आरटीआई कार्यकर्ता अजय शुक्ला ने 31 अक्टूबर 2020 को राज्य सूचना आयोग से सूचना का अधिकार कानून के तहत यह जानना चाहा कि उक्त प्रकरण के संबंध में किस दस्तावेज के आधार पर प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है का आदेश में उल्लेख किया गया है । आवेदन के उपरांत कृष्णकांत खरे लोक सूचना अधिकारी मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने 29 सितंबर 2021 को पत्र जारी कर लेख किया कि संबंधित कक्ष से प्राप्त टीप अनुसार नस्ती में आवेदन में चाही गई जानकारी संधारित नही होने से उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है।
राज्य सूचना आयुक्त के आदेश एवं लोक सूचना अधिकारी द्वारा उल्लेखित पत्र को माध्यम बनाकर आवेदक द्वारा प्रमुख सचिव जनसम्पर्क, आयुक्त जनसंपर्क संचालनालय म.प्र. भोपाल एवं सूचना आयुक्त म.प्र. राज्य सूचना आयोग के विरुद्ध मा.. न्यायालय खंडपीठ इन्दौर में वरिष्ठ अभिभाषक रमेश सोनवाणे के माध्यम से धारा 226 के तहत एक याचिका प्रस्तुत की गई। उक्त याचिका की वर्चुवल सुनवाई 23 अक्टूबर 2021 को हुई। उक्त सुनवाई पश्चात न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा ने संबंधितों को नोटिस भेजने के आदेश पारित किए है।
आरटीआई कार्यकर्ता अजय शुक्ला के इस कदम से आरटीआई कानून को मिलेगी मजबूती । भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए अनाप-शनाप आदेश पारित करने वालों पर भी लगेगी रोक ।

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